शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025
शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025
ईश्वर के हम बन्दे है ईश्वर को जिस जिस से जो काम लेना है वही काम वह हमसे और आपसे लेता है शायद हमारे प्रिय मित्र छोटे भाई दीपेन्द्र की उस लोक में धरती लोक से अधिक आवश्यकता होगी तभी उस प्रभु ने उसको अपने लोक में बुला लिया जब तक उस प्रभु ने उचित समझा तभी तक दीपेन्द्र की ड्यूटी यहाँ पर लगायी जैसे ही ड्यूटी अवधि पूरी हुई वैसे ही अपने लोक में बुला लिया
ईश्वर के हम बन्दे है ईश्वर को जिस जिस से जो काम लेना है वही काम वह हमसे और आपसे लेता है शायद हमारे प्रिय मित्र छोटे भाई दीपेन्द्र की उस लोक में धरती लोक से अधिक आवश्यकता होगी तभी उस प्रभु ने उसको अपने लोक में बुला लिया जब तक उस प्रभु ने उचित समझा तभी तक दीपेन्द्र की ड्यूटी यहाँ पर लगायी जैसे ही ड्यूटी अवधि पूरी हुई वैसे ही अपने लोक में बुला लिया ऊँ
प्रस्तुतकर्ता ATULGAUR (ASHUTOSH) पर 11:25 pm
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शुक्रवार, 9 जनवरी 2009
बुधवार, 19 नवंबर 2008
मंगलवार, 5 अगस्त 2008
सोमवार, 4 अगस्त 2008
अपने विचार
जब प्रतिबिम्ब निहारा जाता है
और उसमे सुन्या नजर आता है
तभी तो इन्शान समझ पाता है
की हमें सुख दुःख कयो सताता है
प्रस्तुतकर्ता ATULGAUR (ASHUTOSH) पर 7:17 pm
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