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बुधवार, 19 नवंबर 2008
शनिवार, 9 अगस्त 2008
मंगलवार, 5 अगस्त 2008
सोमवार, 4 अगस्त 2008
अपने विचार
जब प्रतिबिम्ब निहारा जाता है
और उसमे सुन्या नजर आता है
तभी तो इन्शान समझ पाता है
की हमें सुख दुःख कयो सताता है
प्रस्तुतकर्ता ATULGAUR (ASHUTOSH) पर 7:17 pm
सोमवार, 21 जुलाई 2008
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