ईश्वर के हम बन्दे है ईश्वर को जिस जिस से जो काम लेना है वही काम वह हमसे और आपसे लेता है शायद हमारे प्रिय मित्र छोटे भाई दीपेन्द्र की उस लोक में धरती लोक से अधिक आवश्यकता होगी तभी उस प्रभु ने उसको अपने लोक में बुला लिया जब तक उस प्रभु ने उचित समझा तभी तक दीपेन्द्र की ड्यूटी यहाँ पर लगायी जैसे ही ड्यूटी अवधि पूरी हुई वैसे ही अपने लोक में बुला लिया
ईश्वर के हम बन्दे है ईश्वर को जिस जिस से जो काम लेना है वही काम वह हमसे और आपसे लेता है शायद हमारे प्रिय मित्र छोटे भाई दीपेन्द्र की उस लोक में धरती लोक से अधिक आवश्यकता होगी तभी उस प्रभु ने उसको अपने लोक में बुला लिया जब तक उस प्रभु ने उचित समझा तभी तक दीपेन्द्र की ड्यूटी यहाँ पर लगायी जैसे ही ड्यूटी अवधि पूरी हुई वैसे ही अपने लोक में बुला लिया ऊँ


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