अपने विचार
जब प्रतिबिम्ब निहारा जाता है
और उसमे सुन्या नजर आता है
तभी तो इन्शान समझ पाता है
की हमें सुख दुःख कयो सताता है
जब प्रतिबिम्ब निहारा जाता है
और उसमे सुन्या नजर आता है
तभी तो इन्शान समझ पाता है
की हमें सुख दुःख कयो सताता है
प्रस्तुतकर्ता ATULGAUR (ASHUTOSH) पर 7:17 pm
2 टिप्पणियाँ:
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
word verification kaise hatega
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