सोमवार, 4 अगस्त 2008

अपने विचार

जब प्रतिबिम्ब निहारा जाता है
और उसमे सुन्या नजर आता है
तभी तो इन्शान समझ पाता है
की हमें सुख दुःख कयो सताता है

2 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari ने कहा…

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

ATULGAUR (ASHUTOSH) ने कहा…

word verification kaise hatega

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